सुनहरे रंग से तुम
सुनहरे रंग
से
तुम,
आते
हो
तो
निखर सी जाती हूँ,
कुछ कह
देते
हो
तुम,
बस
यूँ
ही,
मैं भी
बस,
यूँ
ही
समझ
जाती
हूँ,
बातों का सिलसिला कितना
लम्बा
हो
सकता
है,
ये जाना
मैंने
तुमसे
उस
रात
के
बाद,
मुझे हर
पल
घेरी
रहती
हैं
निगाहें
तुम्हारी,
कुछ पल
गुज़र
जाता
है
यूँ
ही
शर्माते
शर्माते
,
आवाज़ की
कशिश
इतनी
गहरी है तुम्हारे,
मेरे अंदर
तुम
पुकारते
हो
हर
बार,
सुनहरे रंग
से
तुम,आते
हो
तो
निखर
जाती
हूँ
हर
बार।
picture courtesy- google
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