गुनगुनाते ख़्यालों से तुम Get link Facebook Twitter Pinterest Email Other Apps August 02, 2017 गुनगुना रही थी ख़्यालों में, तुम बूंद बूँद टपक रहे थे यादों से, छन कर मेरी मुस्कुराहटों में आ गिरे तुम, और अब हल्के हल्के गुनगुना रही हूँ तुम्हे।। Read more